Thursday, 23 August 2012

एक ख्वाब ऐसा भी...

( मेरे ब्लॉग  पर पहली बार....मेरे लिए कुछ लिखता मेरा प्यार....)



ख्वाब  था  इक रोज़  मेरे लिए तू , पर मुझे सुकून देता था वो  ख्वाब 
तेरी  बातें , तेरी  नादानी , तेरा वो समझाना मुझे  
सब जानते  हुए  भी  नादां  बनी  बैठी  थी 
पर  सच  से  कब तक  मुँह   मोड़ती
तू  आया  इक दिन  मेरे  लबों  की  हँसी  लेकर 
देख , आज  भी  वो  मुस्कुराहट   बरकरार  है
टूट  जाता  अगर  मेरा  ख्वाब  ऐसे  ही,
तो  ना  मैं  होती , ना  मुझे  बनाने  वाला , ना  वो  ख्वाब  दिखाने  वाला  
इक  दिन  आँखें   मीचे  सोयी  थी , तूने  धीरे  से  खोला  उन्हें ,
और  कहा , देख  तो  ज़रा  तेरा ख्वाब  मुकम्मल  है
हाँ  मुझे  याद  आता  है , वही  ख्वाब  जो  इक  रोज़  देखा  था 
आज  हकीकत   बन  सामने  है  मेरे ...

-  Mrs.Nirmal kumar



15 comments:

ANULATA RAJ NAIR said...

बहुत सुन्दर रचना...
साझा करने का शुक्रिया ...
अनु

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत-बहुत सुन्दर रचना...
:-)

सदा said...

वाह ... बेहतरीन

ANULATA RAJ NAIR said...

"उनसे" कहिये और लिखें...
:-)

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बेहतरीन,,,,मैडम जी से कहें रचनाये लिखना निरंतर जारी रखे,,,,बधाई

RECENT POST ...: जिला अनूपपुर अपना,,,

Arvind kumar said...

जी बिल्कुल...

Arvind kumar said...

जी बिल्कुल...

Anju (Anu) Chaudhary said...

वाह ...बहुत खूब ....अच्छा लगा ...ही लिखती रहे ...शुभ आशीष के साथ ..अंजु (अनु)

संध्या शर्मा said...

ख्वाब हकीक़त हो गया अब मिलकर सुन्दर रचनाओं से इस ब्लॉग को सजाइए... पहला फूल इतना सुन्दर है तो गुलदस्ते कितने खूबसूरत होंगे... शुभकामनायें

Mrs.Nirmal kumar said...

मेरी रचना को इतना अधिक प्रेम देने के लिए आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया .आगे भी कोशिश जारी रहेगी कि आप सभी के लिए कुछ लिख पाऊं........

Mrs. Nirmal kumar

Mrs.Nirmal kumar said...

बहुत बहुत शुक्रिया.....

Mrs.Nirmal kumar said...

आप के अपार स्नेह के लिए धन्यवाद ..कोशिश रहेगी कि आगे भी इन फूलों कि खुशबू महकती रहे

Mrs.Nirmal kumar said...

बहुत बहुत धन्यवाद ...

Mrs.Nirmal kumar said...

बहुत बहुत धन्यवाद ...

Mrs.Nirmal kumar said...

तहे दिल से शुक्रिया .....

जमीं पे कर चुके कायम हदें, चलो अब आसमां का रुख करें  - अरविन्द