Wednesday, 12 October 2011
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जमीं पे कर चुके कायम हदें, चलो अब आसमां का रुख करें - अरविन्द
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क्या मज़ाक चल रहा है परिंदों के बीच, आसमां को दौड़ का मैदान बना रखा है बड़ी हसरत थी उसे टूटकर बरसने की, मगर हौँसले ने उसे ...
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ये बंदिशें...ये वेङियाँ....ये समन्दर से किनारे..... आज नहीं तो कल शायद.... तोङ बैठे ये बदगुमान दिल.... इसी उम्मीद की साँसें लेकर, ...
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कुछ पल तो हँसने दे मुझे,ना उदास कर तू घर जाने की बातें,ना बार बार कर दो लम्हे बीते होंगें,साथ बैठे हुए तू सदियो...
27 comments:
beautiful creation.......
precise but so touching.....
नाउमीदी में भी उम्मीद तो है...काफी है !!सुन्दर बात कही कुमार .
इसी उम्मीद की साँसें लेकर,
लाशें भी यहाँ जिये जा रहीं हैं......
Khoob...Behtreen Panktiyan
बहुत सुन्दर , सादर
ये बंदिशें...ये वेङियाँ....ये समन्दर से किनारे.....
आज नहीं तो कल
शायद....
तोङ बैठे ये बदगुमान दिल....
बहुत सुन्दर...
अच्छी प्रस्तुति!
lazwaab abhivaykti....
बहुत सुन्दर रचना ! शानदार चित्र !
बहुत बढिया।
bilkul sahi likha hai lhase bhi jee rahi hai balki ye kahna uchit hoga ki aaj ka manav lash ban gaya hai
jai hind jai bharat
bahut badia, par shadi hui nahi hia aapki, ye vichaar to shadi k baad ke hain lagte hain, lagta hai koi metrani hia aapki jisne aapko zindagi k ras chakhaye nahi ab tak, warna aisi kalam to tazrube k baad hi milti hai...
उम्मीद पर दुनिया कायम है... सुंदर
सुंदर है । उम्मीदें हौसला देती हैं ।
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com
क्या बात है...
सुन्दर अलफ़ाज़/ख़याल...
सादर बधाई
bahut sundar
बहुत सुन्दर
अच्छी प्रस्तुति!
इंतजार,आपकी रचना मुझे अच्छी लगी,चित्र पसंद आया,मेरे ब्लॉग में आपका स्वागत है.....
bahut acha likha hai
Bahut khoob bhai,,, :):)
सुन्दर प्रस्तुति ........
बहुत सुंदर क्या बात है ..
बहुत खूब...लाज़वाब अहसास..
इसी उम्मीद की साँसें लेकर,
लाशें भी यहाँ जिये जा रहीं हैं......
very nice.
Achhi rachna.
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
गज़ब का इन्तजार है कुमार साहब .....
इस तरह के इन्तजार और हों आपके पास तो हमें भेज दें सरस्वती-सुमन पत्रिका के लिए ....
जी हाँ सरस्वती सुमन पत्रिका का एक अंक क्षणिका विशेषांक निकल रहा है ...
आप अपनी 10,12 kshnikayein संक्षिप्त परिचय और तस्वीर भेज दें ....
यहाँ...
harkirathaqeer@gmail.com
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