Wednesday, 12 October 2011

इन्तजार



ये बंदिशें...ये वेङियाँ....ये समन्दर से किनारे.....
आज नहीं तो कल
शायद....
तोङ बैठे ये बदगुमान दिल....
इसी उम्मीद की साँसें लेकर,
लाशें भी यहाँ जिये जा रहीं हैं......

-kumar

27 comments:

Rashmi Garg said...

beautiful creation.......
precise but so touching.....

Nidhi said...

नाउमीदी में भी उम्मीद तो है...काफी है !!सुन्दर बात कही कुमार .

डॉ. मोनिका शर्मा said...

इसी उम्मीद की साँसें लेकर,
लाशें भी यहाँ जिये जा रहीं हैं......

Khoob...Behtreen Panktiyan

S.N SHUKLA said...

बहुत सुन्दर , सादर

संध्या शर्मा said...

ये बंदिशें...ये वेङियाँ....ये समन्दर से किनारे.....
आज नहीं तो कल
शायद....
तोङ बैठे ये बदगुमान दिल....
बहुत सुन्दर...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

अच्छी प्रस्तुति!

सागर said...

lazwaab abhivaykti....

Urmi said...

बहुत सुन्दर रचना ! शानदार चित्र !

सदा said...

बहुत बढिया।

SAJAN.AAWARA said...

bilkul sahi likha hai lhase bhi jee rahi hai balki ye kahna uchit hoga ki aaj ka manav lash ban gaya hai
jai hind jai bharat

chandra said...

bahut badia, par shadi hui nahi hia aapki, ye vichaar to shadi k baad ke hain lagte hain, lagta hai koi metrani hia aapki jisne aapko zindagi k ras chakhaye nahi ab tak, warna aisi kalam to tazrube k baad hi milti hai...

रजनीश तिवारी said...

उम्मीद पर दुनिया कायम है... सुंदर

अजय कुमार said...

सुंदर है । उम्मीदें हौसला देती हैं ।

Urmi said...

मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

क्या बात है...
सुन्दर अलफ़ाज़/ख़याल...
सादर बधाई

Vineet Mishra said...

bahut sundar

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत सुन्दर
अच्छी प्रस्तुति!

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

इंतजार,आपकी रचना मुझे अच्छी लगी,चित्र पसंद आया,मेरे ब्लॉग में आपका स्वागत है.....

Human said...

bahut acha likha hai

Ravi Rajbhar said...

Bahut khoob bhai,,, :):)

निवेदिता श्रीवास्तव said...

सुन्दर प्रस्तुति ........

Sunil Kumar said...

बहुत सुंदर क्या बात है ..

Kailash Sharma said...

बहुत खूब...लाज़वाब अहसास..

Dr.NISHA MAHARANA said...

इसी उम्मीद की साँसें लेकर,
लाशें भी यहाँ जिये जा रहीं हैं......
very nice.

हास्य-व्यंग्य का रंग गोपाल तिवारी के संग said...

Achhi rachna.

Urmi said...

आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !

हरकीरत ' हीर' said...

गज़ब का इन्तजार है कुमार साहब .....

इस तरह के इन्तजार और हों आपके पास तो हमें भेज दें सरस्वती-सुमन पत्रिका के लिए ....
जी हाँ सरस्वती सुमन पत्रिका का एक अंक क्षणिका विशेषांक निकल रहा है ...
आप अपनी 10,12 kshnikayein संक्षिप्त परिचय और तस्वीर भेज दें ....

यहाँ...

harkirathaqeer@gmail.com

जमीं पे कर चुके कायम हदें, चलो अब आसमां का रुख करें  - अरविन्द