कुछ  पल  तो  हँसने दे  मुझे,ना  उदास   कर 
तू   घर  जाने  की  बातें,ना  बार  बार  कर 
दो  लम्हे  बीते  होंगें,साथ  बैठे  हुए 
तू  सदियों  की  बातें,ना  बार  बार  कर 
अभी  डूबना  बाकी है  तेरी  आँखों  में मेरा     
तू  नज़रें झुका  के  बातें,ना  बार  बार  कर 
इन  कांपते  लबों  को  कहने  दे  आज  सब 
तू  जमाने  की  बातें,ना  बार  बार  कर 
मैं  फूल  हूँ,जुल्फों  में  रख,महकता  रहूँगा 
तू  घर  सजाने  की  बातें,ना  बार  बार  कर 
kumar







