चल देखते हैं अब तेरी अदा  क्या है ?
ये बन्दा  फिर बतायेगा  मेरी रज़ा  क्या है 
तू अपनी बात पर रहना,मैं अपनी जिद पे कायम हूँ,
ये मसला हल तभी होगा,वरना मज़ा क्या है ?
बहुत आये और आयेंगे मगर हमसा ना आयेगा ,
बेबस सी तेरी नज़रें ये सोचें माजरा क्या है ?
तेरी नाकामियों के किस्से हम सबको सुनायेंगे,
तुझ बेअदब की इससे और बेहतर सज़ा क्या है ?
- kumar 
6 comments:
गहन अभिवयक्ति......
बहुत बढ़िया ।
बधाई ||
तू अपनी बात पर रहना,मैं अपनी जिद पे कायम हूँ,
ये मसला हल तभी होगा,वरना मज़ा क्या है ?
बहुत आये और आयेंगे मगर हमसा ना आयेगा ,
बेबस सी तेरी नज़रें ये सोचें माजरा क्या है ?
वाह ...बहुत ही बढिया
bahut khub
बहुत ही बढ़िया
सादर
वाह,,,बहुत बढ़िया प्रस्तुति,,,
recent post: बात न करो,
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