Thursday, 5 January 2012

कब...???




कभी चुपके से सुन तो सही,
मेरी सदा...
तेरे कई ख़त लिखे हैं इसमें...
मैं हर रोज इक ख़त पढता हूँ,
खुद से नज़र बचाकर...
मगर...
हर ख़त के बाद,
दिल कुछ पूछ बैठता है...
वो कब आएगा....????

-kumar

9 comments:

vidya said...

बहुत सुन्दर...
इन्तज़ार ऐसा ही होता है...

सदा said...

वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ...

रेखा said...

सुन्दर अभिव्यक्ति ..

Urmi said...

आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को नये साल की ढेर सारी शुभकामनायें !
बहुत ख़ूबसूरत रचना !

मेरा मन पंछी सा said...

खत पढकर पुरानी यादे फिर आंखो के सामने
आ जाती है...और मन विव्हल उठता है ...उसके इंतजार में उसे पाने कि चाह में..
चंद शब्द गहरे जजबात , सुंदर भावाभिव्यक्ती...

संध्या शर्मा said...

खूबसूरत जज़्बात...

Rashmi Garg said...

nyc feelings...

Anju (Anu) Chaudhary said...

वाह...बहुत खूब

Vandana Ramasingh said...

सुन्दर भाव ..

जमीं पे कर चुके कायम हदें, चलो अब आसमां का रुख करें  - अरविन्द