Friday 12 October 2012

इंतज़ार


मेरे दिल - ए - जज़्बात  मेरे प्यार  ( अरविन्द कुमार  जी ) के  लिए 













हर लम्हा इंतजार  करता  है  तेरा   

तू  आये  तो , वो ठहरे 
  
तुझसे  कुछ  पूछने  को  बेचैन  

हर  पल  ये  घड़ियाँ  रहती हैं   

मेरी  ऑंखें   दरवाज़े  पर  लगी हैं ,

कि  आयेगा तू  इक  दिन 

हक  से  पूछेगा  मुझसे

तू  ठीक  तो  है ?

मैं  नमी  के  साथ, झपका  दूंगी  आँखें 

तू  समा  लेगा  आगोश  मैं मुझे 

जाने  वो  पल  कब आएगा ?

पर  उम्मीद  है , 

आएगा  ज़रूर 




- Mrs. Nirmal pathak

5 comments:

सदा said...

वाह ... बेहतरीन

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत लाजबाब अभिव्यक्ति ,,,,,,

MY RECENT POST: माँ,,,

devendra gautam said...

उम्मीद का दामन कभी नहीं छोड़ना चाहिए. सही है.

ANULATA RAJ NAIR said...

बहुत सुन्दर.....
प्यार भरी रचना...

अनु

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

खूबसूरत एहसास

जमीं पे कर चुके कायम हदें, चलो अब आसमां का रुख करें  - अरविन्द