Wednesday, 17 October 2012
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
जमीं पे कर चुके कायम हदें, चलो अब आसमां का रुख करें - अरविन्द
-
कुछ पल तो हँसने दे मुझे,ना उदास कर तू घर जाने की बातें,ना बार बार कर दो लम्हे बीते होंगें,साथ बैठे हुए तू सदियो...
-
तेरे बारे में सबको बताऊँगा कैसे ? ज़ख्म दिल में बसे हैं,दिखाऊँगा कैसे ? तू बेवफा तो नहीं था जो वादे से मुकर गया, मगर ये सच ज़...
-
आज मैने अपनी एक प्यारी सी दोस्त की कुछ ऐसी बातें यहाँ लिखने की कोशिश की है जिन्होंने हर बार मुझे ...
2 comments:
वाह ... बेहतरीन
वाह - बहुत खूब
Post a Comment