Wednesday, 4 July 2012

अधूरी बातें...




(१)
असर ए  इश्क को
अश्कों से धोता
सिरफिरा आशिक़....

(२)
वक़्त सी झुर्रियां
कहती कहानी
मेरे चेहरे पे...

(३)
टीस
बढ़ सी जाती है
तुझे मिलकर...

(४)
तुझे चाहूँ
या ना चाहूँ
बड़ी उलझन...

(५)
अरसे बाद
तेरा मिलना
ज़ख्म खिल उठे...

- kumar

8 comments:

Kailash Sharma said...

वक़्त सी झुर्रियां
कहती कहानी
मेरे चेहरे पे...

....बहुत खूब! सुन्दर प्रस्तुति...

डॉ. मोनिका शर्मा said...

वक़्त सी झुर्रियां
कहती कहानी
मेरे चेहरे पे.

बेहतरीन भाव.... सुंदर पंक्तियाँ

संध्या शर्मा said...

वक़्त सी झुर्रियां
कहती कहानी
मेरे चेहरे पे...
गहन भाव... सुन्दर प्रस्तुति

ANULATA RAJ NAIR said...

बहुत सुन्दर ...
नन्ही नन्ही सी रचनाएं...जाने क्या क्या कह गयीं....

अनु

Yashwant R. B. Mathur said...

कल 06/07/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

सदा said...

गहन भाव लिए बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति।

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
सभी अलग भाव , अलग रंग लिए...
लाजवाब...
:-)

Anju (Anu) Chaudhary said...

खूबसूरत भाव ..

जमीं पे कर चुके कायम हदें, चलो अब आसमां का रुख करें  - अरविन्द