हिन्दू का चोला ओढकर
चला जाय लोगों के बीच ...
देखा,कटा फटा टँगा है दीवार पर
दौड़कर गया मुस्लिम के घर,
सब नदारद ...
हवाएं धमका रहीं थी सन्नाटे को
उम्मीद के खम्भे पर चढ़करएक दो घर और झाँका,
सब चूल्हे धूल से सने पढ़े थे ...
बोझिल कदम फटकारने लगे वापस घर ...
अचानक ध्यान गया चौखट पर
तो देखा
सारे मज़हब
गले मिलकर एक सुर में कुछ गा रहे थे....
हम इन्सान नहीं हैं......
- kumar
30 comments:
bahut khoob...mujhe vo panktiyan yaad aa gyi..
aisa koi mazhab chalaayaa jaaye....
jisme insan ko insan banaayaa jaaye.....
bahut accha arvind ji, aapka star lagataar badta jaa raha hai
wah!
Ham insaan nahi hai..........
Ha ha ha
sahi hi likha hai apne, khota ja raha hai insaan ka vajood,kyunki insaan ab setan wale kaam karne laga hai....
Jai hind jai bharatHam insaan nahi hai..........
Ha ha ha
sahi hi likha hai apne, khota ja raha hai insaan ka vajood,kyunki insaan ab setan wale kaam karne laga hai....
Jai hind jai bharat
bahut khoob kumar sahab! thode me'n bahut gahri baat kah gaye hain aap.
बहुत सुंदर लिखा है आपने,
बधाई,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
सारे मजहब
गले मिलकर एक सुर में कुछ गा रहे थे....
हम इन्सान नहीं हैं......
Sunder.... Gahara arth liye panktiyan...
bhot he behatarin.lajbab
insaan banna aasan nahi , nafrat, dwesh, swa ko bhulana aasan nahi ... to hum insaan ho hi nahi sakte
कई प्रश्न उठाती है...आपकी कविता
gahan chintan karati rachna...
सारे मजहब
गले मिलकर एक सुर में कुछ गा रहे थे....
हम इन्सान नहीं हैं......
कमाल की पंक्तियाँ हैं।
सादर
सोचने को मजूबर करती रचना
सारे मजहब
गले मिलकर एक सुर में कुछ गा रहे थे....
हम इन्सान नहीं हैं...बहुत सुन्दर भाव.....
सारे मजहब
गले मिलकर एक सुर में कुछ गा रहे थे....
हम इन्सान नहीं हैं......
जब मजहब इंसान को नकारने लगे तो सोचने का वक़्त आ ही गया है
गहरे भाव के साथ बहुत ख़ूबसूरत कविता ,लाजवाब प्रस्तुती!
गहन भाव लिए बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
रक्षाबंधन एवं स्वाधीनता दिवस के पावन पर्वों की हार्दिक मंगल कामनाएं.
बहुत खूबसूरत भावाभिव्यक्ति ........
Swatantrata Diwas kee anek mangal kamnayen!
सुन्दर अभिव्यक्ति के साथ भावपूर्ण कविता लिखा है आपने! शानदार प्रस्तुती!
आपको एवं आपके परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
स्वतन्त्रता दिवस की शुभ कामनाएँ।
कल 17/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
http://urvija.parikalpnaa.com/2011/08/blog-post.html
वाह गज़ब कर दिया।
oh..!!gahan ...arth...!!
shubhkamnayen.
आदमी का आदमी बना रहना ही सबसे मुश्किल है........
मैं भी गाने की कोशिश कर रही हूँ ....
हम इंसान नहीं हैं ......
लाजवाब रचना ...
बधाई ...
Mast laga dost......
अचानक ध्यान गया चौखट पर
तो देखा
सारे मजहब
गले मिलकर एक सुर में कुछ गा रहे थे....
हम इन्सान नहीं हैं.......
कुमार साहब कोई रचना इतनी सशक्त हो सकती है .सोचा नहीं जा सकता .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
मंगलवार, १६ अगस्त २०११
पन्द्रह मिनिट कसरत करने से भी सेहत की बंद खिड़की खुल जाती है .
. August 16, 2011
उठो नौजवानों सोने के दिन गए ......http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
सोमवार, १५ अगस्त २०११
संविधान जिन्होनें पढ़ लिया है (दूसरी किश्त ).
http://veerubhai1947.blogspot.com/
मंगलवार, १६ अगस्त २०११
त्रि -मूर्ती से तीन सवाल .
Great creation indeed !
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