(१)
भूखे बच्चे को
थपकियों से बहलाता,
सूखा आँचल....
सूखा आँचल....
(२)
लड़ रहा हूँ
अपनों में रहकर
अपनों से...
(३)
बढ़ जाती है
हर रिश्ते की बोली
बुरे वक़्त में...
(४)
और पिलाओ मुझे
दिल खाली है
जाम नहीं...
(५)
ये वक़्त
क्या आज भी वही है
जो तब था...
(६)
मज़हबी लोग
करते बँटवारा
मासूम खुदा का...
(७)
अधखुली आँखें
तेरा खयाल
अब क्या करूँ...?
- kumar